FD क्या है? फिक्स्ड डिपॉज़िट में निवेश करने का सम्पूर्ण ज्ञान / What is an FD? The ins and outs of investing in fixed deposits

आज भी भारत में ज़्यादातर लोग अपने पैसे को सुरक्षित जगह पर रखना पसंद करते हैं। भारत में बहुत सारे लोग ऐसे हैं जिनको शेयर बाजार का रिस्क पसंद नहीं होता, तो कुछ ऐसे होते हैं जिनको स्थिर रिटर्न चाहिए। कुछ लोग इसमें इसलिए निवेश नहीं कर पाते हैं क्योंकि उन लोगों को ये पता ही नहीं होता की FD क्या है? कुछ लोगों के मन में सवाल भी उठता है की FD निवेश पर भरोसा कैसे और क्यों करें?
आइए समझते हैं कि FD क्या है? और यह कैसे काम करती है?

FD क्या है और कैसे काम करती है?

FD (Fixed Deposit), निवेश करने का एक ऐसा तरीका है, जिसमें आप अपना पैसा किसी बैंक या वित्तीय संस्था में एक निश्चित समय के लिए जमा करते हैं। इस पर बैंक एक निश्चित ब्याज दर (Interest Rate) देता है, जो आपकी राशि पर समय के साथ जुड़ती रहती है। आपके द्वारा निश्चित किया गया समय जब पूरा हो जाता है तब आपको मूल धन और ब्याज दोनों वापस मिलते हैं।

सरल शब्दों में समझें— FD क्या है? इसे ऐसे समझिए आप बैंक को एक निश्चित समय के लिए हर महीने थोड़ा-थोड़ा या एक साथ अधिक पैसा “उधार” देते हैं और समय पूरा होने पर बैंक उस पर तय ब्याज देता है। इसमें आप बिना डरे निवेश कर सकते हैं क्योंकि इसमें कोई भी रिस्क नहीं हैं।

FD कैसे खोलें?

आज के समय में FD खोलना बहुत आसान है। आप चाहे तो ऑनलाइन बैंकिंग, मोबाइल ऐप या सीधे बैंक शाखा में जाकर FD बनवा सकते हैं और निश्चित समय पर हर महीने निवेश करते रहें।

  • न्यूनतम राशि: आप सबसे न्यूनतम राशि ₹1000 से निवेश शुरू कर सकते हैं।
  • अवधि (Tenure): इसमें आप निवेश के लिए 7 दिन से लेकर 10 साल तक का समय ले सकते हैं।
  • ब्याज भुगतान: मासिक, तिमाही या मैच्योरिटी पर एकमुश्त अर्थात निवेश का समय पूरा होने के बाद आप अपने पैसे को कब लेना चाहते हैं मासिक का मतलब हर महीने मिलेगा, तिमाही का मतलब हर तीसरे महीने मिलेगा और एकमुश्त का मतलब आपका जितना पैसा बना हैं वो सब एक साथ मिल जायेगा।

FD बनाते समय आपको यह निश्चित करना होता है कि आपको ब्याज कब लेना है — हर महीने या अंत में। FD क्या है? यह समझने के बाद और सब समझना बहुत आसान हो जायेगा।

FD के प्रकार

  1. रेगुलर FD: इसमें निश्चित समय के लिए राशि जमा होती है और मैच्योरिटी पर ब्याज मिलता है।
  2. टैक्स-सेविंग FD: इसमें 5 साल की लॉक-इन अवधि और धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक टैक्स छूट भी मिलता हैं।
  3. सीनियर सिटिज़न FD: यह FD वरिष्ठ नागरिकों के लिए बहुत सही हैं क्योंकि इसमें सामान्य से 0.25%–0.75% तक अधिक ब्याज मिलता हैं।
  4. फ्लेक्सी FD: सेविंग अकाउंट से जुड़ी FD जो जरूरत पड़ने पर अपने आप समायोजित हो जाती है।

FD में ब्याज दर कैसे तय होती है?

FD क्या है? यह जानने के बाद अगला सवाल आता है — इसमें ब्याज दर कैसे तय होती है?
FD की ब्याज दर कई बातों पर निर्भर करती है:

  • RBI की रेपो रेट (रेपो रेट का मतलब RBI द्वारा बैंकों को दिए जाने वाले कर्ज की ब्याज दर)
  • बैंक की नीति
  • निवेश की अवधि
  • निवेशक की उम्र

अभी भारत में ज्यादातर बैंकों की FD दरें 6% से 8% के बीच हैं, जबकि कुछ स्मॉल फाइनेंस बैंक 8.5% तक भी दे रहे हैं।

FD में निवेश करने के फायदे

  1. सुरक्षित निवेश:
    FD बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होता। इसमें आपका पैसा सुरक्षित रहता है।
  2. गारंटीड रिटर्न:
    आप पहले ही पता कर सकते हैं कि कितना ब्याज मिलेगा। 
  3. टैक्स बेनिफिट:
    5 साल की टैक्स-सेविंग FD पर Income Tax Act की धारा 80C के तहत छूट मिलती है।
  4. लोन की सुविधा:
    जरूरत पड़ने पर FD के बदले लोन मिल सकता है।
  5. सीनियर सिटिज़न के लिए अतिरिक्त ब्याज:
    उम्रदराज निवेशकों को सामान्य से ज्यादा रिटर्न मिलता है।

FD में निवेश करने से पहले कुछ बातें जो आपको जाननी जरूरी है

FD क्या है? ये समझना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है निवेश से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना

  1. ब्याज दर की तुलना करें:
    हर बैंक की ब्याज दर अलग होती है, इसलिए तुलना करना ज़रूरी है।
  2. महंगाई का असर देखें:
    अगर महंगाई 7% है और FD ब्याज 6% तो असली फायदा नहीं होगा बल्कि आपका घाटा ही होगा।
  3. TDS और टैक्स नियम समझें:
    सालाना ₹40,000 से अधिक ब्याज पर TDS कटता है।
  4. प्रीमैच्योर विड्रॉल:
    समय से पहले FD तोड़ने पर ब्याज कम हो सकता है और पेनल्टी लगती है।
  5. नॉमिनी जोड़ें:
    किसी अनहोनी में पैसा सही व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए नॉमिनी ज़रूर जोड़ें।

FD क्या है? FD और SIP में अंतर

बहुत से निवेशक यह सोचते हैं कि FD क्या है? और यह SIP से बेहतर है या नहीं।
दोनों में फर्क समझिए

तुलनाFDSIP (Mutual Fund)
रिटर्न6–8% निश्चित 10–15% तक (मार्केट पर आधारित)
रिस्कबहुत कमथोड़ा ज्यादा
लिक्विडिटीसीमितकभी भी निकाल सकते हैं
टैक्स लाभकेवल टैक्स-सेविंग FD परELSS SIP में टैक्स छूट
सुरक्षापूरी गारंटीमार्केट रिस्क

अगर आप बिना रिस्क के स्थिर रिटर्न चाहते हैं, तो आपके लिए FD क्या है? इसका जवाब यही है कि यह सबसे सुरक्षित निवेश विकल्पों में से एक है। लेकिन अगर आप मुनाफे के साथ अपने पैसे में अच्छी ग्रोथ चाहते हैं, तो SIP में निवेश करना बेहतर होगा।

FD में ज्यादा ब्याज पाने के तरीके

  1. लंबी अवधि चुनें:
    लंबी अवधि की FD में ब्याज थोड़ा ज्यादा मिलता है।
  2. स्मॉल फाइनेंस बैंक देखें:
    जैसे: उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक या  जना स्मॉल फाइनेंस बैंक अधिक ब्याज देते हैं।
  3. सीनियर सिटिज़न के नाम से FD खोलें:
    परिवार में बुज़ुर्ग हों तो उनके नाम से FD बनवाएं।
  4. ऑटो रिन्यूअल और कंपाउंडिंग ब्याज का विकल्प चुनें:
    इससे ब्याज पर भी ब्याज मिलता है और रिटर्न बढ़ता है।

निष्कर्ष

FD क्या है? यह सिर्फ एक निवेश करने का साधन ही नहीं है बल्कि इस बात से मन को शांति भी मिलती है कि इसमें कोई रिस्क नहीं है। यह उन लोगों के लिए बहुत अच्छा है जो लोग बिना रिस्क के अपने पैसे को सुरक्षित बढ़ाना चाहते हैं।

आर्टिकल को यहाँ तक पढ़ने के लिए धन्यवाद !

surajmadhav5187@gmail.com

मैं सूरज विश्वकर्मा एक फाइनेंस कंटेंट राइटर और इस वेबसाइट का संस्थापक हूँ। मैं म्यूचुअल फंड, SIP और पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी सरल और सटीक तरीके से लेख के माध्यम से आपको प्रदान करता हूँ।

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